Funny Shayari Marriage
दिल का दर्द दिल तोड़ने वाला क्या जाने.!!
प्यार के रिवाजों को ये ज़माना क्या जाने.!!
होती है इतनी तकलीफ लड़की पटाने में.!!
ये घर बैठा लड़की का बाप क्या जाने.!!
सितारों में आप हवाओ में आप.!!
फिज़ाओ में आप बहारो में आप.!!
धूप में आप,छाओं में आप.!!
सच ही सुना है कि बुरी.!!
आत्माओं का कोई ठिकाना नहीं होता.!!
इश्क में हम तुम्हें क्या बताएं.!!
किस कदर चोट खाए हुए हैं.!!
मारा था बाप ने कल उसके.!!
आज फिर भाई आये हुए हैं.!!
आपकी सूरत मेरे दिल में.!!
ऐसे बस गयी है.!!
जैसे छोटे से दरवाजे में.!!
भैंस फंस गयी है.!!
नींद आती है तो एक ख्वाब आता है.!!
ख्वाब में इक लड़की आती है.!!
और पीछे उसका बाप आता है.!!
फिर क्या.!!
फिर न नींद आती है न ख्वाब आता है.!!
आँखों में आँसू चेहरे पर हँसी है.!!
साँसों में आहें दिल में बेबसी है.!!
पहले क्यों नहीं बताया यार कि.!!
दरवाज़े में ऊँगली फँसी है.!!
नजर न लग जाये आँखों में काजल लगा लो.!!
हम कहते हैं आँखों में काजल ही नहीं.!!
हो सके तो.!!
गले में नीबू मिर्ची चप्पल भी लटका लो.!!
आसमान में काली घटा छाई है.!!
आज फिर तूने गर्लफ्रेंड से मार खाई है.!!
मगर इसमें तेरी गलती नहीं है दोस्त.!!
तू शकल से लगता कालू हलवाई है.!!
ग़म क्या चीज है?.!!
तुम्हें क्या पता गम क्या होता है.!!
तुम्हें क्या पता गम किसे कहते हैं.!!
तुम्हें क्या पता गम क्या चीज है.!!
क्यूंकि.!!
तुमने तो हमेशा थूक से चिपकाया है.!!
खयाल को आहट की आस रहती है.!!
निगाह को किसी सूरत की तलाश रहती है.!!
तेरे बिन कोई कमी नहीं है ऐ दोस्त.!!
बस गली वाली जमादारनी उदास रहती है.!!
जवानी के दिन चमकीले हो गए.!!
हुस्न के तेवर नुकीले हो गए.!!
हम इज़हार करने में रह गए.!!
उधर उनके हाथ पीले हो गए.!!
जिसे कोयल समझा वो कौवा निकला.!!
दोस्ती के नाम पर हौवा निकला.!!
जो रोकते थे हमें शराब पीने से.!!
आज उन्हीं की जेब में पौवा निकला.!!
ये बारिश का मौसम बहुत तड़पाता है.!!
वो बस मुझे ही दिल से चाहता है.!!
लेकिन वो मिलने आए भी तो कैसे.!!
उसके पास न रेनकोट है और ना छाता है.!!
ताज महल क्या चीज है.!!
हम इससे भी अच्छी इमारत बनवा देंगे.!!
शाहजहां ने मुमताज़ को मुर्दा दफनाया था.!!
हम तुझे ज़िंदा ही दफना देंगे.!!
मीठी मीठी यादों को पलकों पे सजा लेना.!!
साथ गुज़रे लम्हों को दिल में बसा लेना.!!
मैं तो बरसों का प्यासा हूँ ,‘फराज़’.!!
बिजली आ जाये तो याद से मोटर चला देना.!!
ये कलयुग हैं साहब.!!
यहाँ भीड़ को रश कहते हैं.!!
और जो भीड़ में पसंद आ जाए.!!
उसे क्रश कहते हैं.!!
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