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Shayari for Friends

 तेरी बातें सुनकर ऐसा लगता है,

जैसे किसी ने कान में गंदगी डाल दी हो।


तेरे जैसे लोगों को गा-ली देकर,

अपनी जुबान गंदी नहीं करना चाहता,

चल निकल बे।


तू गा-ली खाने लायक भी नहीं,

तू तो सिर्फ थूकने के लायक है।


तूने हर बार मुझे नीचा दिखाया,

और मैं हर बार तुझे दिल से लगाया।


तेरी हरकतें देखकर दिल टूट जाता है,

तुझ पर प्यार नहीं गा-ली देने का मन करता है।


तेरे जख्मों पर मरहम लगाने की सोची थी मैंने,

पर तूने हर बार धोखा दिया, अब तुझे गा-ली मिलेगी।


तेरे जैसा घटिया इंसान,

शायद ही इस दुनिया में मौजूद होगा।


बेटा अगर करोगे तीन चार,

कान के नीचे छोड़ देंगे,

पंगा ना लेना बेटा,

यही पटक के छोड़ देंगे।


जो गा-ली सुनले वो दोस्त,

जो ना सुने वो मदरबोर्ड।


जो हमारा नाम सुनते है,

वो खड़े पैर मूतते हैं.


शक्ल से शरीफ तो हम युही है,

वरना ताली तो हमारी हर गा-ली पे पड़ती है.


दोस्तों के साथ हर पल अच्छा जाता है,

उनको गा-ली देकर खुद को सुकून मिल जाता है.


तेरे साथ अक्सर ये घटना घटती है,

मुसीबत के टाइम तेरी फटती है.


आग लगी है बस्ती में,

मेरे यार की हालत है खस्ती में.


वह बेवफा है तो क्या हुआ मत बुरा कहो उसको.!!

तुम मुझसे सेट हो जाओ दफा करो उसको.!!


जिनके घर शीशे के होते हैं ,वो तो.!!

कहीं पर भी बैठ कर दाढ़ी बना लेते हैं.!!

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